जय अघरिया श्री कन्हैया का सूत्र सारे जग में फैलाना है,
शिक्षा,संस्कृति और संस्कार को अपनी पहचान बनाना है।
आदर्श इतिहास हमारा,
ऐ युवा उस आदर्श पथ पर चलना होगा।
झुके न सर हमारा कभी,
कर्म हमें वैसा करना होगा।
एकता अखंडता युक्त सुदृढ़ समाज बनाना है,
आपसी द्वेष नहीं बल्कि भाईचारा बढ़ाना है।
सफलता की राह में विलासिता का पहरा है, जिसने की विजय इसपर उसी के सर "जीत का सेहरा" है।
ऐ युवा रास्ते अनेक हैं,अनेक हैं यहाँ मोड़, इतिहास में न हो ऐसा तू एक पन्ना जोड़।
सहायता की न हो आवश्यकता,
हमें अपनी समर्थता बनाना होगा।
सामने है उज्जवल भविष्य,
हमें अटल नेतृत्व दिखाना होगा।
ऐ युवा निवेदन मेरा कर स्वीकार,
है तुझमें हिम्मत भविष्य को ललकार।
उठ लंबी निद्रा से और कुछ ऐसा कर,
रखे याद इतिहास तुझे कुछ वैसा कर।
जय अघरिया श्री कन्हैया।
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