कर रहा आव्हान अपना ये हिंदुस्तान,
यह बदलता हुआ विश्व का परिवेश,
दिन-ब-दिन नया रंग और नयी वेश।
जन्म धरा पर तो सब लेते हैं,
पर जीवन तो केवल वीर जीते हैं।
अनैतिकों को नैतिकता का पाठ पढ़ा दो,
भारत भूमि को निर्मल बना दो।
पहचान जन्म भूमि का बहुत ले लिया,
पहचान कर्म भूमि पर भी ले लो।
अपने लिए तो बहुत जी लिए,
कुछ दिन गैरों के लिये भी जी लो।
पाक ने दी आंतरिक कलह,
चीन सीमा पर बल बढ़ा रहा।
देश मांग रहा अमर जोश,
गांधी ,पटेल और बोश।
न थी सिर्फ कहानी वो बुंदेलों की जुबानी,
सच में थे शिवाजी और झाँसी की रानी।
जगालो चेतना और लिख दो नयी कहानी,
भारत के हर नर में शिवाजी,
नारी में झाँसी की रानी।
सामान्य अध्ययन पढ़ने के लिए क्लिक करें....
Bahut hi sundar hai sir ji
ReplyDeleteAchcha laga